धानुका सोया प्रायवेट लिमिटेड द्वारा इथोनॉल की फैक्ट्री से भयंकर बदबू ओर हानिकारक काला धुंआ फैलाये जाने का विरोध, कार्यवाही की मांग को लेकर कालोनी वासियो ने सोपा ज्ञापन
Neemuch 22-06-2024 Regional
नीमच। जिले व ग्राम दुलाखेड़ा ओर रावतखेड़ा तहसील स्थित धानुका सोया प्रायवेट लिमिटेड द्वारा इथोनॉल की फैक्ट्री से भयंकर बदबू ओर हानिकारक काला धुंआ फैलाये जाने के विरोध ओर कार्यवाही की मांग को लेकर शनिवार को तिरुपति कालोनी के वासि विधायक निवास पहुचे जहा उन्होंने 14 सूत्रीय माग को लेकर एक ज्ञापन विधायक दिलीप परिहार को सोपा जिसमे बताया गया कि ग्राम दुलाखेड़ा व रातवखेड़ा तहसील व जिला नीमच (म.प्र.) पर धानुका सोया प्रायवेट लिमिटेड की इथोनॉल की फैक्ट्री है। इस फैक्ट्री से भयंकर बदबू आ रही है और काला धुआ निकल रहा है। यह बदबू व धुआ 8-10 किलोमीटर चारों और फैल रहा है। धानुका सोया प्रायवेट लिमिटेड का रजिस्टर्ड पता खसरा नंबर 77 से 81 ग्राम जमुनियाकलां तहसील व जिला नीमच (मध्यप्रदेश) है। इस भयंकर बदबू व धुए में कई जहरीली गैस शामिल है जिसमें हजारों लोगों के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर संकट पैदा हो गया है।इस फैक्ट्री के आसपास रहवासी कॉलोनी तिरुपति नगर व अन्य कॉलोनी व दर्जन भर गाँव गिरदोड़ा, जेतपुरा, दुलाखेडा, चोथखेडा, जमुनियाखुर्द, बरखेड़ाहाडा, रावतखेड़ा, कानाखेडा, रेवली देवली, पिपलोंन, पिपलियाहाडा, मालखेडा आदि गाँव स्थित है व प्रायवेट तथा सरकारी स्कूल है जिनमें सैकड़ों बच्चे पढ़ते हैं साथ ही अब तो पूरा नीमच शहर भी इसकी जद में आ गया है।इस बदबू व धुंए के कारण आंखों में जलन, लाली और पानी आने की समस्या, जी घबराना, उल्टी, सरदर्द, धुएं में उपस्थित रसायन त्वचा पर जलन, खुजली और रैशेज उत्पन्न आदि लक्षण पैदा हो रहे हैं और बदबू के वातावरण में रहना बिल्कुल असंभव हो गया है।इस बदबू व धुंए के कारण वायु को प्रदूषित करता है, जिससे हवा की गुणवत्ता में गिरावट आ रही है।प्रदूषण के कारण लोग बीमार पड़ रहे हैं, जिससे उनकी कार्यक्षमता घट रही है और आर्थिक स्थिति पर असर पड़ रहा है।लगातार प्रदूषण के कारण ग्रामीणों में असंतोष और तनाव बढ़ रहा है, जिससे सामाजिक संबंधों पर भी असर पड़ रहा है।बच्चो का प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर हो रहा है, क्योकि वे प्रदूषण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं और श्वसन समस्याओं से ग्रस्त हो रहे हैं।बुजुर्गों की स्वास्थ्य स्थिति पहले से ही कमजोर होती है,इसलिए वे प्रदूषण के कारणअधिक गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं।प्रदूषण गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सक रहा है और गर्भस्थ शिशु के विकास में रुकावट पैदा कर रहा है।धुएं के साथ निकलने वाले रसायन और अन्य प्रदूषक तत्व जल स्रोतों में मिल रहे हैं,जिससे जल की गुणवत्ता खराब हो रही है।फैक्ट्री से निकलने वाले रसायन मिट्टी में मिलकर उसकी गुणवत्ता को खराब कर रहे हैं, जिससे कृषि उत्पादन पर बुरा असर पड़ रहा है।फैक्ट्री के मालिक द्वारा रहवासी कॉलोनी व गांवों व स्कूलों के बीच फैक्ट्री बना दी गई है जो बिल्कुल गलत है। इस फैक्ट्री के डायरेक्टर व प्रबंधक द्वारा करोड़ो रुपया कमाने के लालच में हजारों लोगों के जीवन व स्वास्थ्य पर संकट खड़ा कर दिया गया।वही इस मामले में तिरुपति कालोनी निवासी आकाश शर्मा ने धानुका सोया प्राइवेट लिमिटेड से निकलने वाले इथेनॉल के जहरीले धुएं और बदबू से परेशान होने की शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुँचाई है जिसमे बताया गया कि इथेनॉल उत्पादन की वजह से इस फैक्ट्री के आसपास रहवासी कॉलोनी व दर्जन भर गाँव स्थित है व प्रायवेट तथा सरकारी स्कूल है जिनमें सैकड़ों बच्चे पढ़ते हैं साथ ही अब तो पूरा नीमच शहर भी इसकी जद में आ गया है! जिसके कारण स्थानीय लोग आंखों में जलन, लाली और पानी आने की समस्या, जी घबराना, उल्टी, सरदर्द, धुएं में उपस्थित रसायन त्वचा पर जलन, खुजली और रैशेज उत्पन्न आदि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं। इस शिकायत में उन्होंने बताया कि यह समस्या नीमच जिले के 1 दर्जन से अधिक गांवों में लगभग 50,000 स्थानीय निवासियों को प्रभावित कर रही है।राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लेकर उस पर गहरी जांच करने का आदेश दिया है। आयोग ने समस्या को सुलझाने के लिए संबंधित अधिकारियों को जांच-पड़ताल के लिए निर्देश दिए हैं।