एबीवीपी के 57वें प्रांतीय अधिवेशन के लिए हुआ भूमिपूजन, 23 से 26 दिसंबर तक नीमच में आयोजित होगा सम्मेलन, 1200 प्रतिनिधि होंगे शामिल
नीमच। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का 57 वा प्रांत अधिवेशन 23 दिसंबर से 26 दिसंबर को नीमच नगर के स्वामी विवेकानंद पीजी कॉलेज में आयोजित होने जा रहा है। जिसको लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा सम्मेलन की तैयारियां शुरू हो गई हैं। रविवार को मार्गशिष शुक्ल पक्ष पूर्णिमा दोपहर 2:00 बजे संपूर्ण वैदिक विधि विधान से आयोजन स्थल पर तैयारियों का भूमिपूजन किया गया। इसी के साथ ही कार्यक्रम स्थल पर पंडाल सहित लगाने का काम भी शुरू हो गया है।
बता दें कि मालवा प्रांत का 57वां प्रांत अधिवेशन नीमच नगर में सम्पन्न होने जा रहा है। अधिवेशन के लिए स्वागत समिति का गठन किया गया है। जिसकी देखरेख और मार्गदर्शन ने सम्मेलन की तैयारियां की जा रही हैं। सम्मेलन के लिए देवी अहिल्या बाई होलकर नगर, पी.जी. कॉलेज नीमच के पीछे स्थित ग्राउण्ड में भूमिपूजन किया गया। जिसमे मुख्य अतिथि धन्वतरील पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर परम् पूज्य संत श्री श्री 1008 सुरेशानंद सरस्वती (गुरुजी निपानिया), विशेष उपस्थिती निलेश जी सौलंकी, (अखिल भारतीय जनजाति कार्य सह प्रमुख), स्वागत समिति के सचिव महेन्द्र भटनागर, नीमच विधायक दिलीपसिंह परिहार, प्रहलाद गर्ग (दड़ौली वाले) द्वारा भूमिपूजन किया गया। इस दौरान सी एम धाकड़, ललित ग्वाला, विश्वास खंडेलवाल, हेमेंद्र शर्मा, बबलू विश्वदेव शर्मा सहित विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता मौजूद रहे।
प्रदर्शनी उद्घाटन से होगी शुरुआत
जानकारी के अनुसार सम्मेलन में 1200 प्रतिनिधि भाग लेंगे। वे 23 दिसंबर की शाम तक नीमच पहुंचेंगे। 24 दिसंबर को उद्घाटन से सम्मेलन की शुरुआत होगी। इसमें संगठन के राष्ट्रीय पदाधिकारी सहित अन्य अतिथि शामिल होंगे और उनका संबोधन होगा। प्रदर्शनी उद्घाटन के साथ अधिवेशन प्रारंभ होगा। अधिवेशन नगर का नाम मातोश्री अहिल्याबाई होलकर होगा। जिस सभागार में सत्र आयोजित किए जा रहे हैं उसका नाम महर्षि सांदीपनि सभागार रखा गया है। विद्यार्थी परिषद के कार्य एवं भारतीय ज्ञान परंपरा से संबंधित प्रदर्शनी का नाम प्रसिद्ध पुरातत्व विधि डॉक्टर विष्णु श्रीधर वाकणकर के नाम से रखा गया है। अधिवेशन आयोजन के दौरान शोभायात्रा निकाली जाएगी। अधिवेशन का मुख्य उद्देश्य विभिन्न प्रकार के नए प्रयोग के साथ भारतीय ज्ञान परंपरा और भारतीय इतिहास को प्रदर्शित करना है।अधिवेशन में विद्यार्थी परिषद द्वारा शैक्षणिक और सामाजिक विषयों पर प्रस्ताव पारित किए जाएंगे। वैचारिक विमर्श पर कार्यकर्ताओं को मार्गदर्शन मिलेगा। ताकि वे समाज और राष्ट्र की सेवा में और भी प्रभावी भूमिका निभा सकें।