नगरपालिका नीमच का आयोजित विशेष सम्मेलन नगर पालिका, लोक एवं शहर हित में नहीं - श्रीमती चोपड़ा

Neemuch 19-12-2024 Regional

अस्पष्ट व अपूर्ण एजेंडा जारी  कर पार्षदों को गुमराह किया जा रहा है

नीमच। नीमच नगर पालिका परिषद का जो सम्मेलन मेरी असहमति के बाद बुलाया गया है, वह पूरी तरह विधि और नियम विरुद्ध है। इस सम्मेलन को लेकर मेरी असहमति है। यदि इस सम्मेलन में कोई पार्षद, सीएमओ या उपाध्यक्ष सम्मिलित होता है तो इसे पद का दुरुपयोग माना जाना चाहिए। ऐसे लोगों को अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए।
यह बात नीमच नगर पालिका अध्यक्ष स्वाति चोपड़ा ने गुरुवार को टाउन हॉल में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही। स्वाति चोपड़ा ने कहा कि राजराजेश्वरी संस्था की नीतू सिंह द्वारा जमीन के आवंटन को लेकर सत्र बुलाने की मांग की गई थी। जिसको लेकर मुझे पत्र भी दिए गए थे। मेरे द्वारा इस बारे में शासन और जनप्रतिनिधियों को तीन बार लिखित रूप से मना कर दिया गया है। इस तरह का प्रस्ताव लाना और जमीन का आवंटन शहर हित में नहीं होगा। पत्रकारों के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं असक्षम और असमर्थ नहीं हूं। जब उनसे पूछा गया कि सम्मेलन का विषय नगर पालिका की संपत्ति को खुर्द बुर्द करने के प्रयास को रोकना और नियंत्रित करना इस संदर्भ में है, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि गलत एजेंडा है। पत्रकारों ने उनसे यह भी पूछा कि आपका पार्षद ही आपके साथ नहीं है। इस पर स्वामी चोपड़ा ने कहा कि उन्हें गुमराह किया गया है। जब उनसे पूछा गया कि प्रस्ताव सम्मेलन में पारित हो जाएगा तब क्या क्या करेंगे, इस पर उनका कहना था कि कलेक्टर और पार्टी के वरिष्ठ नेता, जिला अध्यक्ष, विधायक और सांसद इस संबंध में निर्णय लेंगे।

 
इस परिषद के सम्मलेन के मामले में विस्तार से नपाध्यक्ष स्वाति चोपड़ा ने बताया की इस संदर्भ में संक्षेप में तथ्य यह है कि , नगर की एक महिला संगठन - संस्था द्वारा भूमि आवंटन की मांग की गई हैं और परिषद का विशेष सम्मेलन बुलाने हेतु निवेदन किया। इस बारे में ही 31 पार्षदों ने नपा अधिनियम की धारा 57 के अंतर्गत विशेष सम्मेलन बुलाने की मांग भी की। समस्त तथ्यों का गहन परीक्षण करने पर यह स्पष्ट निष्कर्ष है कि इस प्रकार से किसी संस्था विशेष को भूमि आवंटन के प्रयास , कार्यवाही से मध्यप्रदेश नगरपालिका अधनियम , सम्पति अंतरण नियमों का खुला उल्लंघन के दायरे में आता हैं । इस तरह के कार्य से नीमच नगरपालिका निकाय और सरकार को भारी आर्थिक क्षति सम्भावित है और नागरिकों के समानता के संविधान सम्मत अधिकारों का भी हनन का मामला बनता हैं। 

इन विधि संगत आधारों पर ही , मैंने इन विषयों को लेकर विशेष सम्मेलन के आयोजन को अनुचित , अव्यवहारिक, अवैधानिक पाकर आवेदन को विचार योग्य नहीं माना और मुख्य नगरपालिका अधिकारी को स्पष्ट रूप से 10.10 . 2024 तथा 23.10. 2024, को लिखित रूप आदेशित किया कि विशेष सम्मेलन आयोजित नहीं किया जाए। इसके बावजूद , भ्रामक , अस्पष्ट आधारों पर और नपा अधिनियम के विहित प्रावधानों की अनुचित व्याख्या करते हुए मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा विशेष सम्मेलन की रूपरेखा तैयार की गई है और उपाध्यक्ष एवं पार्षदगण को भ्रमित कर अनुमति जारी की गई हैं।

यहां मैं स्पष्ट करती हु कि मैं इस समय कार्य पर उपस्थित हूं और सक्रिय भी। ऐसी स्थित में मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा मेरी असहमति पर उपाध्यक्ष से अनुमति लेना न्याय संगत नहीं हैं। कानून सम्मत बात यह है कि इस तरह और अस्पष्ट विषयों पर विशेष सम्मेलन बुलाना ही विधि संगत नहीं हैं । इस आशय के लिखित आवेदन में शासन और जिला प्रशासन को यथा समय प्रस्तुत कर चुकी हूँ और पुनः यह अनुरोध करती हूं कि नीमच नगरपालिका , नगर की जनता और सरकार को होने वाली अपूरणीय क्षति , कानून के खुले उल्लंघन और अनीति को ध्यान में रखते हुए इस सम्मेलन को निरस्त किया जाए और ऐसा कोई कार्य नहीं करें, ऐसा कोई निर्णय नहीं करें जो जनता के विश्वास और विधि की व्यवस्था पर कुठाराघात हो ।
  इस संदर्भ में मैंने नगरपालिका अधिनियम के समस्त सम्बंधित प्रावधानों और नपा को संभावित क्षति के बारे में तथ्यात्मक आधारों पर प्रभारी मंत्री,  सांसद, विधायक, विभाग के प्रमुख सचिव, जिला कलेक्टर महोदय ,भाजपा जिलाध्यक्ष, आयुक्त महोदय और नगर पालिका उपाध्यक्ष, मुख्य नगरपालिका अधिकारी को भी अवगत करवाया हैं और सम्मेलन को निरस्त करने का भी निवेदन किया हैं। सम्मेलन में प्रस्ताव पारित हो जाने पर 323 के अंतर्गत कार्रवाई की मांग करूंगी। पत्रकार वार्ता के दौरान भाजपा पार्षद धर्मेश पुरोहित, शशि कल्याणी, रामचंद्र धनगर, दुर्गा शंकर, राकेश किलोरिया, विष्णु राठौर, अरुण प्रजापति आदि मौजूद रहे।