अब पुलिस कंट्रोल रूम में रहेगा एक-एक गिरफ्तारी का ब्यौरा
- भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की अधिसूचना जारी
- थानों में समन का रजिस्टर बनेगा
भोपाल। प्रदेश में अब पुलिस कंट्रोल रूम में जिले के किसी भी थाने में गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पूरी डिटेल रखना होगी। इसके साथ ही थाना प्रभारियों के लिए भी यह व्यवस्था तय की गई है। जिसमें उनके थाने से किसी भी व्यक्ति के लिए न्यायालय से जारी होने वाले समन के तामील कराने की प्रक्रिया थाने में रखे रजिस्टर में दर्ज करना होगी। गृह विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है और जल्द ही अलग से इसके आदेश जारी किए जाएंगे।
गृह विभाग के सचिव गौरव राजपूत द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के लिए किए गए नोटिफिकेशन में धारा 37 के अंतर्गत कई व्यवस्थाएं तय की गई हैं। इसमें पुलिस कंट्रोल रूम को जिला मुख्यालय में धारा 37 के अंतर्गत प्रभावी रखने के लिए कहा है। वहीं, समन को लेकर भी नागरिक संहिता में लागू प्रावधानों का पालन करने के लिए कहा गया है।
ऐसे हैं धारा 37 और 64 में किए गए प्रमुख प्रावधान
हर जिले में जिला मुख्यालय पर पुलिस कंट्रोल रूम के लिए एक पुलिस अधिकारी एसपी पदस्थ करेंगे जो एएसआई से नीचे के पद वाला नहीं होना चाहिए। कंट्रोल रूम में तैनात पुलिस अधिकारी के पास जिले के हर थाने में गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों के नाम, पते और जिस अपराध में उसे गिरफ्तार किया गया है, उसकी जानकारी होना जरूरी है। इसलिए थानों को यह जानकारी देना जरूरी है। इस संहिता में यह प्रावधान भी किया गया है कि धारा 64 के अंतर्गत हर पुलिस थाने पर समन किए गए व्यक्तियों के सम्बन्ध में एक रजिस्टर भौतिक या इलेक्ट्रानिक रूप में रखा जाएगा। इस रजिस्टर में समन किए गए व्यक्ति का पूरा नाम, पिता या पति का नाम, पता, मोबाइल और व्हाट्सएप नम्बर, ई मेल एड्रेस, जिले और थाने का नाम, अपराध क्रमांक, धारा और न्यायालय का नाम व न्यायालय प्रकरण क्रमांक की जानकारी दर्ज करना होगा। इसमें यह व्यवस्था भी तय की गई है कि राज्य सरकार उच्च न्यायालय द्वारा जिला और तहसील स्तर पर श्रव्य व दृश्य इलेक्टानिक साधनों से साक्षी की परीक्षा के लिए समय समय पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूप को स्वीकार करेगी। संहिता में संचालक लोक अभियोजन और जिला निदेशक अभियोजन के दायित्व भी तय किए। नागरिक सुरक्षा संहिता में संचालक लोक अभियोजन का दायित्व होगा कि न्यायालयों में अपर लोक अभियोजक, सहायक लोक अभियोजक, विशेष लोक अभियोजक की उपस्थिति तय कराएं। संचालक लोक अभियोजक अपने अधीनस्थ अफसरों से डिजिटल फॉर्म में जानकारी ले सकेंगे।