इंका नेत्री श्रीमती मधु बंसल का तीखा आरोप, प्रशासनिक अंधेरगर्दी की हो गई इंतहा, चंगेरा के वैध पट्टाधारियों के बजाय जुर्माने से दंडित अतिक्रमण कर्ताओं को पट्टे देने की तैयारी
जिला कांग्रेस ने दी चेतावनी - वास्तविक हकदारों को अगर शीघ्र आवंटित भूमि नहीं मिली तो होगा व्यापक विरोध प्रदर्शन
नीमच। कोई सत्ताईस साल पहले ग्राम पंचायत डूंगलावदा द्वारा विधिनुकूल आधारों पर आवास हेतु आवंटित भूखंडों के पट्टाधारियों को अभी तक भी उनका हक नहीं मिल पाया हैं। गांव के कतिपय दबंगों द्वारा अवैध आधिपत्य को हटाने के आदेश का भी सात साल से पालन नहीं हो पाया है और स्वेच्छाचारिता की पराकाष्ठा यह है कि अब जुर्माने से दंडित अतिक्रमणकारियों को ही अवैध रूप से पूर्व में ही अन्यों को आवंटित भूखंडों के पट्टे देने की पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। इस पूरे मामले की शिकायत श्रीमती बंसल ने उच्च अधिकारियों को भी कर दी है
जिला काँग्रेस नीमच की वरिष्ठ नेता श्रीमती मधु बंसल ने यहां जारी एक बयान में कहा कि नीमच उपखंड की ग्राम पंचायत डूंगलावदा क्षेत्र के ग्राम चंगेरा के भूखंड धारी ग्रामीणों ने गत दिवस उनसे भेंट कर राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा सालों से उनके साथ किये जा रहे अन्याय का जो प्रामाणिक ब्यौरा दिया है उससे नीमच जिले में सुशासन और वंचितों - पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाने सम्बन्धी भाजपा सरकार के दावों पर ही प्रश्नचिन्ह खड़े हो रहे हैं।
प्रशासनिक प्रक्रियागत अन्याय के शिकार चंगेरा के व्यक्तियों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर श्रीमती मधु बंसल ने बताया कि ग्राम पंचायत डुंगलावदा ने वर्ष 1996 97 में आबादी भूमि सर्वे क्रमांक 139 जिसका वर्तमान नया नम्बर 343 है के रकबा 1.28 भाग पर चंगेरा ग्राम के आवासहीनों को विधिसम्मत तरीके से आवासीय भूखंड आवंटित किए गए थे। जिन लोगों को भूखंड आवंटित किए गए थे वह लोग गरीब तबके के लोग हैं इस कारण आवंटित भूखंडों पर गांव के ही कतिपय दबंग लोगों ने अतिक्रमण कर आधिपत्य जमा लिया था। जिसकी शिकायत वर्षों पूर्व भूखंड धारी लोगों ने तहसीलदार एवं कलेक्टर को कर दी थी।
पीड़ितों ने इस संदर्भ में जिला कलेक्टर के समक्ष आवंटन सम्बन्धी सभी दस्तावेजों के साथ आवेदन प्रस्तुत कर भूखंडों को अतिक्रमण से मुक्त करवाने और आवंटन अनुसार भूखंड दिलाने की गुहार की थी। सालों - साल चक्कर लगाने के बाद कलेक्टर के निर्देश पर तहसीलदार नीमच से जांच प्रतिवेदन मंगवाने के उपरांत तत्कालीन एसडीएम आदित्य शर्मा ने 31 अगस्त 2016 को पारित आदेश में आवेदकों को किये गए आवंटनों को न्यायसंगत माना और तहसीलदार नीमच को अवैध अतिक्रमण हटा कर मूल आवंटियों को भूखंड का आधिपत्य दिलाने की कार्यवाही के निर्देश दिए थे। अतिक्रमणकर्ताओं से अर्थदंड तो वसूला लेकिन अतिक्रमण नहीं हटाया आज तक।
श्रीमती मधु बंसल ने कहा कि, तहसीलदार नीमच द्वारा एसडीएम के आदेश के अनुपालन में जारी नोटिस के बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाने पर 10 अप्रैल 2017 को जारी आदेश में प्रत्येक अतिक्रमण कर्ता पर 10 - 10 हजार रु का अर्थदंड आरोपित करते हुए राजस्व निरीक्षक और सम्बद्ध पटवारी को प्रश्नाधीन भूमि से अतिक्रमण हटा कर भूमि ग्राम पंचायत को सौंपने के निर्देश दिए थे ताकि भूमि पर मूल आवंटियों को भूखंड प्रदान किये जा सके ।
श्रीमती बंसल ने कहा कि दूषित खोखली प्रशासनिक प्रक्रिया की बानगी देखिये कि, अतिक्रमण को गैरकानूनी घोषित कर तहसीलदार के आदेशानुसार अतिक्रमण कर्ताओं से अर्थदंड तो पूरा वसूल कर लिया गया किन्तु प्रश्नाधीन भूमि पर दबंगो के अवैध कब्जे सात साल बाद अभी भी यथावत हैं। पटवारी ने दिखावे की एक टिप लिख दी है कि प्रश्नाधीन भूमि ग्राम पंचायत को सौंप दी गई हैं। श्रीमती बंसल ने कहा कि, तहसीलदार और राजस्व निरीक्षक ने पटवारी द्वारा की गई खानापूर्ति के बाद आंखे मूंद ली है और मौके पर जाकर यह तस्दीक करना जरूरी नहीं समझा कि प्रश्नाधीन भूमि पर अभी भी दबंगो का अतिक्रमण कायम है और मूल आवंटियों के साथ न्याय नहीं हुआ है। निहित स्वार्थों की पूर्ति कर दबंगों को अनुचित ढंग से लाभांवित करने के लिए रचे जा रहे षड्यंत्र में पटवारी, सरपंच और राजस्व विभाग के उच्च अधिकारियों की गहरी सांठगांठ साफ झलक रही हैं।
श्रीमती बंसल ने कहा कि समग्र प्रामाणिक तथ्यों से यह स्पष्ट है कि, ग्राम चंगेरा के पीड़ित नागरिक वैध रूप से पट्टा आवंटन के 27 सालों के बाद आज भी भूखंडों से वंचित हैं। अपने जायज हक से वंचित पीड़ित लोग न्याय के लिए कलेक्टर एसडीएम और तहसीलदार के यहां चक्कर काटते - काटते बेदम हताश, व्यथित और घोर निराश हो गए हैं लेकिन वंचितों को तुरंत न्याय दिलाने के बड़े बड़े दावे करने वाली भाजपा सरकार की इस भ्रष्ट और संवेदनहीन प्रशासनिक व्यवस्था में कोई उनकी आवाज सुनने को तैयार नहीं हैं । "
अब प्रश्नाधीन भूमि परअवैध अतिक्रमणकर्ता को अनुचित रुप से पट्टे देने की तैयारियां श्रीमती मधु बंसल ने कहा कि अंधेरगर्दी की पराकाष्ठा यह है कि जिनको कानून सम्मत ढंग से पंचायत द्वारा भूखंड के पट्टे आवंटित हुए थे उसी जगह पर अन्य किसी व्यक्ति को कोई भी अन्य अधिकारी या पंचायत कैसे दूसरा भूखंड का पट्टा जारी कर सकती है उनको एसडीएम न्यायालय द्वारा भूखंड दिलाने के न्याय संगत आदेश के पालनार्थ उचित कदम उठाने के बजाय राजस्व महकमे के तहत एसडीएम के ही आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए बड़े पैमाने पर जारी धांधलियों के अंतर्गत हेराफेरी कर चंगेरा की प्रश्नाधीन भूमि पर उन्हीं अतिक्रमणकर्ता को अनुचित रूप से पट्टे देने की तैयारियां की जा रही हैं जिनको दोषी ठहरा कर अर्थदंड से दंडित किया गया था और जो धन एवं बहु बल के सहारे अभी भी अवैध कब्जा जमाये बैठे हैं ।
श्रीमती बंसल ने कहा कि जिला कांग्रेस द्वारा अनीति, भ्रष्टाचार, वंचितों के दमन और दबंगों से सौदेबाजी कर अनुचित रूप से लाभान्वित करने के इस प्रकरण को लेकर मौजूदा जिला कलेक्टर के समक्ष भी तथ्य रखें गए हैं तथा संपूर्ण प्रकरण की शिकायत माननीय प्रधानमंत्री जी, मुख्यमंत्री जी, मुख्य सचिव मध्य प्रदेश शासन, राजस्व मंत्री, कमिश्नर उज्जैन संभाग, लोकायुक्त को भी की गई है और जांच कर दोषी अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। काँग्रेस इस अवैध खेल का प्रखर विरोध करती है और अगर चंगेरा स्थित प्रश्नाधीन भूमि पर अविलम्ब अतिक्रमण हटा कर वास्तविक हकदारों को कब्जा नहीं दिया गया तो चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा ।