केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के तीर्थयात्री अव्यवस्था से हुए परेशान

Bhopal 12-05-2024 State


-पुरोहितों के विरोध के चलते नहीं मिले घोड़े-खच्चर, होटल-ढाबे रहे बंद
देहरादून। केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलते ही भक्तों का यहां तांता लगना शुरू हो गया है। पहले दिन तीर्थयात्रियों का हाल बेहाल हो गया। केदारनाथ में स्‍थानीय पुरोहितों के विरोध के चलते दुकानें बंद रहीं, घोडे़-खच्‍चर भी नहीं मिले। चारधाम यात्रा के पंजीकरण के लिए मारामारी मची हुई है। कल शाम तक चारधाम यात्रा के लिए 23 लाख 57 हजार 393 पंजीकरण हुए थे। केदारनाथ के लिए सर्वाधिक आठ लाख सात हजार 90, बदरीनाथ धाम के लिए सात लाख 10 हजार 192, यमुनोत्री के लिए तीन लाख 68 हजार 302 और गंगोत्री के लिए चार लाख 21 हजार 205 लोगों ने पंजीकरण करवाया। वहीं, हेमकुंड साहिब के लिए भी इस बार अभी तक 50 हजार 604 पंजीकरण हो चुके हैं।
केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के पहले ही दिन तीर्थ पुरोहितों ने केदारपुरी के व्यापारिक प्रतिष्ठान, प्रसाद की दुकानें, खाने के होटल-ढाबे बंद रखे। तीर्थ पुरोहितों ने पंडिताई का काम भी नहीं किया। तीर्थ पुरोहितों की मांग है कि 22 अप्रैल को केदारनाथ धाम में तोड़-फोड़ करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। आरोप है कि सभी तीर्थ पुरोहित जब अपने गांवों में थे, तब कुछ अधिकारियों ने धाम पहुंचकर मजदूरों से मंदिर के आगे मुख्य मार्ग पर भारी तोड़फोड़ करवा दी।
केदार पैदल मार्ग में घोड़े-खच्चरों के न चलने से यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। घोड़े-खच्चर संचालकों और मालिकों का आरोप है कि उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। पैदल मार्ग पर कहीं भी उन्हें रहने की जगह नहीं दी जा रही है। जहां भी ठिकाना बनाते हैं, वहां से भगाया जा रहा है। चारधाम पंडा समाज के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी ने कहा कि तीर्थ पुरोहितों को मुख्यमंत्री से मिलने के आश्वासन के बाद भी व्यापारियों और पुरोहितों को प्रशासन ने उनसे नहीं मिलने दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि उनका बहिष्कार तब तक जारी रहेगा, जब तक उनकी मांगों पर गौर नहीं किया जाता। इस विरोध के चलते वहां पहुंच रहे श्रद्धालुओं को काफी परेशानी हो रही है।